भजन
-30
सतगुरु का दर्शन सुहाना लगता है
दुखियों का तेरा दर ठिकाना लगता है
एक दिन जो सतगुरु को भजले
आनंदपुर उनका आना जाना लगता है
सतगुरु...........
1. क्या कहूँ तुमसे मेरी सारी खबर तुमको
मैं तेरा बंदा हूँ मुझ पर एक नजर करदो
जो भी गलती है तुम्हे हम तो सुनायगे
सतगुरु मेरा रब है आज ही मनायेगे
मेरा
दिल सतगुरु का दीवाना लगता है दुखियों................
2. मेरी हर धड़कन मेरी तड़पन में तू बसता
श्रद्धा तेरे हो मन में तो सीधा है रस्ता
हम सब को तो सतगुरु ने यहीं सिखाया है
मालिक से ही प्रीत करों बस यहीं बताया है
सतगुरु से रिश्ता पुराना लगता है दुखियों.......
दिल
में देखो सतगुरु को...................
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