भजन
-4
मेरा आपकी दया से सब काम
हो रहा है।
करते हो तुम सतगुरु मेरा नाम हो रहा है॥
1. पतवार के बिना ही मेरी नाव चल रही है।
हैरान है ज़माना मंजिल भी मिल रही है।
करता नहीं मैं कुछ भी, सब काम हो रहा है॥
2. तुम साथ हो जो मेरे, किस चीज की कमी है।
किसी और चीज की अब दरकार ही नहीं है।
तेरे साथ से गुलाम अब गुलफाम हो रहा है॥
3. मैं तो नहीं हूँ काबिल, तेरा पार कैसे पाऊं।
टूटी हुई वाणी से गुणगान कैसे गाऊँ।
तेरी प्रेरणा से ही सब यह कमाल हो रहा हैं॥
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