Saturday, December 19, 2020

65. नी मैं चली शाम दी गली

 

भजन-65

 

नी मैं चली शाम दी गली, वे मैनू कोई रोके ना

रोके ना कोई टोके ना,

लोकी कहंदे ने हो गई झल्ली

 

1.    रोम -2 मेरा दाता वसदा

जित्थे वेखा दाता विसदा

नी मैं निकल पई घर कल्ली वे मैनू.........

 

2.    दाते नाल मेरी लग गई यारी

हुन मैं नहीं रह सकदी न्यारी

मेरी प्रीत बड़ी अवल्ली वे मैनू.........

 

3.    दिखाके मैनू अजब नज़ारे

लुट गया दिल करके ईशारे

हुन नजर रखी तू सवल्ली वे मैनू.........

 

4.    दाता मेरा मैं उसदी होई

दुनिया तो मैं दूर होई

कोई समझे न प्रेम पहले वे मैनू.........

 

 

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