भजन -55
तुम यू हों के सामने आते नहीं हम कहते है देखों ये बैठे
हे मन मोहन हे मुरली धर हम भी तुमको दिल दे बैठे
पहले ही गम क्या कम थे एक और मुसीबत ले बैठे
1. दिल कहता है तुम
सुन्दर हो, आंखे
कहती है दिखलाओ,
तुम मिलते नही हो आ कर के, हम कैसे कहे ये तो यह बेठे,
हे मन मोहन हे मुरली धर......
2. महिमा सुनके हैरान है
हम, तुम
मिल जाये तो चैन मिल जाये,
मन खोज के भी तुम हे पता नही, तुम हो के उसी मन में बेठे,
हे मन मोहन हे मुरली धर .......
*****