भजन -39
कागा बोलेया बनेरे उत्ते बै के गुरां ने
तैनू याद करेया
छेती चल जिन्दे, बड़े मंदिर तो गुरां ने
1. याद गुरां दी आई आँख मेरी भर आई
जींद निमानी ने गुरां संग प्रीत लाई
मैं ता जाना गुरां जी दे द्वारे गुरां ने
मैंनू.................
2. बिन भागा दर्शन नई होंदा
दर्श बिना मन बेपल
हुँदा,
मैं ता जाना ते सी शीश झुकाना,
मैं ता जाना ते शीश झुकाना गुरां ने
मैंनू.................
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