Saturday, December 19, 2020

56. दिल की हर धड़कन से

 

भजन-56

 

दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता हे
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता हे

1.
जन्मो पे जनम लेकर,में हार गया मोहन
   
दर्शन बिन व्यर्थ हुआ हर बार मेरा जीवन
  
अब धीर नहीं मुझमे,कितना तू परखता हे तेरे दर्शन.....

2.
शतरंज बना जग को क्या खेल सजाया हे
   
मोहरो की तरह हमको,क्या खूब नचाया हे
   
ये खेल तेरे न्यारे,तू ही तो समझता हे तेरे दर्शन.....


3.
ये दिल पुकारता है एक बार चले आयों

  दर्शन देकर प्यारे मेरी बिगड़ी बना जाओ

  प्रीतम मेरे दिल में अरमान मचलता है तेरे दर्शन.....    

 

4. करदो ना दया मोहन, हम भी तो तुम्हारे है

   एक बार तो अपना लो, जन्मों से तुम्हारे है

   तेरे एक मिलन को अब जीवन ये तरसता है तेरे दर्शन.....

 

 

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