Monday, December 28, 2020

1. संतो की महिमा महान

 

भजन -1

 

संतो की महिमा महान किस विधि कोई करे बखान

 

संत ना होते जगत में तो जल मरता जहान

 

1. जग की खातिर ही ये संत, रूप धर कर आते है -2

मालिक से बिछड़ी रुहो को मालिक संग मिलाते है -2

वे अपने लिए नहीं लेते है एक पल भी आराम संतो की............

 

2. उनकी किस्मत का क्या कहिये, इनकी शरण में जो आ जाते -2

करके श्री चरणों की सेवा भक्ति का सांचा धन पाते -2

करते है दासों पे अपने वे बहुत बड़ा एहसान संतो की............

 

3. होते बड़े ही दयालु रूह पर सतमार्ग दिखलाते है -2

प्रेम भक्ति के भण्डारी है प्रेम ही सदा लुटाते है -2

जीवों पर कर्म फरमाते उसकी देते पहचान संतो की............

 

 

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2. भक्ति और मुक्ति का

 

भजन -2

 

भक्ति और मुक्ति का सतगुरु जी तेरा दर है 

 

जहाँ काल और माया का रहता न कोई ड़र है

 

1. पग -2 पे माया ने यहाँ जाल बिछाया है -2

जीवों को चौरासी में इसने भरमाया है -2

तेरी किरपा बिन न तरे यह ऐसा चाकर है भक्ति...........

 

2. भक्ति रस के प्यासे जो दर पे आते है -2

गुरु नाम का अमृत पी वे भाग मनाते है -2

मिला संचित कर्मों से प्रभु तुझसा रहबर है भक्ति..............

 

3. अति पावन तीर्थ है सतगुरु जी तुम्हारी शरण -2

सब दुःख संताप मिटे जो आवे तेरी शरण -2

मिली चरण शरण दाता तो ये रहमत की नजर है भक्ति............

 

4. पूरी हो मुरादें सभी एक तेरे द्वारे पे -2

बन जाती है तकदीरें एक तेरे ईशारे से -2

तेरी किरपा से जगता सबका ही मुकद्दर है भक्ति.............

 

 

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3. बड़े भागो से हमको ये दर

 

भजन-3

 

बड़े भागो से हमको ये दर मिला है

 

दर्शन मिला सच खंड मिल गया है

 

1. इस दर पे आने से जिंदगी मिली है

जिंदगी की दौलत बंदगी मिली है

गुरु कृपा से सब मिल गया है बड़े भागों से हमको……………….

 

2. सतपुरुषों की पावन ये संगत

चढ़ती है मन में भक्ति की रंगत

सेवा में जिसका मन लग गया है बड़े भागो से हमको……………….

 

3. सत्संग, सेवा, भक्ति व सुमिरन

आरती पूजा, श्री गुरु दर्शन

खुशियों से मनवा झूम रहा है बड़े भागो से हमको……………….

 

 

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4. ले गुरु का नाम बंदे यही

 

भजन -4

 

ले गुरु का नाम बंदे यही तो सहारा है

 

ये जग का तारण हारां है ले गुरु का नाम

 

1. तारीफ क्या करूँ इस दीन दाता की, दयालु नाम है -2

दीन दुखियों के दामन को भर देते, प्रभु का काम है -2

लाँखों की किस्मत को इस नाम ने सवांरा है

ये जग का तारण हारां है................

 

2. कौन है तेरा क्या साथ जायेगा, गुरु का ध्यान कर -2

झूठी है ये काया धोखे की है माया, सतगुरु को याद कर -2

अनमोल ये चोला क्यों गुरु को भुलाया है

ये जग का तारण हारां है...................

 

3. क्या भरोसा है अनमोल जीवन का, मालिक को याद कर -2

क्या भरोसा है इस जिंदगी का, यूँही ना बेकार कर -2

सौंप दे पतवार फिर तो सामने किनारा है

ये जग का तारण हारां है...................

 

 

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5. दाता तेरा नाम है अमृत

 

भजन -5

 

  दाता तेरा नाम है अमृत जो पीवे सुख पावे

  कई जन्मों की भटकी रूहें चरण - शरण अब आए

 

1. श्री पाँच नियम जो हमें मिले है श्रद्धा से ही निभाएँ 

कलयुग के ये है सहारे सतगुरु प्राण अधारे

खाते पीते चलते फिरते नाम प्रभु का ध्यायें

चरणों मे बस यही है विनती, अंत तक निभ जाये दाता...........

   

2. त्रिलोकी में सच कहाये ये है सच के द्वारे

  घर -2 जाके अलख जगाए भक्ति के भंडारे

नाम मे सुरति लगाने वाले आवागमन मिटायें

श्री परमहसों की पावन भक्ति मीलों तक लहराए दाता...........

 

3. नाम का अमृत जो भी पीवे वो गुरुमुख कहलाए

बाकी तो झूठे इस जग मे हीरा जन्म गवाएँ

चरण शरण मे आ गुरु की मुक्ति अगर तू चाहे

दासों पर तेरी होगी रहमत गुरु महिमा जो गाए दाता...........

 

 

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6. दीजिये सहारा मुझे अपने

 

भजन -6

 

  दीजिये सहारा मुझे अपने नाम का

  देख लिया मजा मैंने संसार का

 

1. दुनियां ये देखी सब स्वार्थ से भरी है

प्यार दिखलावा है कोई मीत नहीं है

साँचा एक नाता तेरे आधार का देख ..........

   

2. तेरा इक आसरा है तुम्हीं तो हमारे हो

जीवन दाता मेरे प्राण आधारे हो

बख्शिये नज़ारा यूँही दीदार का देख ...........

 

3. तेरी उल्फ़त मे ये जिंदगी गुजारुंगाँ

उलझनें आईं तेरे नाम से सवारुंगा

लब पे रहे फसांना तेरे प्यार का देख ...........

 

4. दास हूँ तेरा मुझे कभी ना भुलाईये

खतावार हूँ मुझे चरणों से लगाईये

बना रहूँ सेवक तेरे दरबार का देख.............

 

 

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7. मैं तो सतगुरु के गुणवाद

 

भजन -7

 

मैं तो सतगुरु के गुणवाद गाऊँ वारी चरणों मे जाऊँ

 

1. आए जग जीवों को पार करने -2

डूबी रूहों का निस्तार करने -2

शरण लग मैं भी भव पार जाऊँ वारी चरणों..........  

   

2. मेरे सतगुरु की महिमा निराली -2

डूबती मेरी नईयां बचा ली -2

क्या-क्या उपकार कह के सुनाऊँ वारी चरणों...........

 

3. दासों का दास मुझको बनाना -2

अपने चरणों मे देना ठिकाना -2

गीत तेरे हमेंशा मैं गाऊँ वारी चरणों............

 

 

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8. शरण अपनी ले लिया

                                                                             भजन-8

 

शरण अपनी ले लिया प्रभु मेहरबानी आपकी

 

हम इसके काबिल कहा है कदरदानी आपकी

 

1. दिल के सिंहासन पे केवल तू ही बस प्रभु तू रहे -2

रात दिन मैं देखूँ सतगुरु भोली सूरत आपकी शरण अपनी...............

 

2. रिश्ते हैं झूठे इस जग के टूट जायेंगे जरुर -2

पर कभी न मिट सकेगी एक मोहब्बत आपकी शरण अपनी...............

 

3. चुन के पत्थर को प्रभु ने हीरे मोती कर दिया -2

मन हुआ चंचल पड़ी जब नज़र पारस आपकी शरण अपनी...............

 

4. तुम अगर न मिल सके तो जीने से क्या फायदा -2

दास मरता है तुम्हीं पे जू स्त जू है आपकी शरण अपनी...............

 

 

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9. जहाँ संत समागम हरी

 

भजन -9

 

जहाँ संत समागम हरी कथा और आत्म शांति का डेरा

वो आनन्दपुर है मेरा-2

 

1. यहाँ लाखों की संख्या में आते श्री दर्शन के मतवाले -2

   यहाँ पावन तीर्थ सतगुरु दर्शन, पायें नसीबों वाले -2

   यहाँ जय-जय कार के नारों से गूंजे है साँझ सवेरे.......

 

2. यहाँ श्री समाधि पे प्रेमीजन श्रद्धा के फूल चढ़ाते -2

   यहाँ राजा रंक का भेद नहीं सब सेवक ही कहलाते -2

   तज के अभिमान जो शीश झुकावे तो पार हो उसका बेड़ा.....

 

3. यहाँ शांति भवन में जो प्रेमी श्री चरणों का ध्यान लगाये -2

   यहाँ कई जन्मों के चंचल मन भी सहज शांत हो जाये -2

   यहाँ सेवा सत्संग सुमिरण में ही बीते सांझ और सवेरा......

 

4. जो आनंदसर स्नान करे, श्री मंदिर ध्यान लगाये -2

   ध्यान ज्योति ह्रदय में प्रकटे और सहज मुक्ति हो जाये -2

   ज्योत से ज्योत समाए छूटे चौरासी का फेरा.........

 

5. छाया है जंगल में मंगल और लीला है अजब न्यारी -2

   पल पल शीतल सी पवन चले और महक रही फुलवारी -2

   दासां मनवा आनंद पावे जब श्री दर्शन हो तेरा........

    

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10. तेरी उल्फ़त को पाना चाहता

 

भजन -10

 

तेरी उल्फ़त को पाना चाहता हूँ तेरे नज़दीक आना चाहता हूँ

 

1. लुटा दूँ तुझ पे अपनी जान प्यारे -2

होवे अरमान दिल के पूरे सारे -2

ऐसी जिंदगी बनाना चाहता हूँ तेरे नजदीक..............

 

2. पड़ा जन्मों से मन का मंदिर खाली -2

मेरे सतगुर मेरी बगिया के मालिक -2

तुझे हृदय बसाना चाहता हूँ तेरे नजदीक..............

 

3. तुम्हारी सांवरी सूरत प्यारी -2

चला है दिल पे ऐसा जादू भारी -2

इसे मन में बसाना चाहता हूँ तेरे नजदीक..............

 

4. नई जिंदगी है मैंने जब से पाई -2

आया हूँ जबसे मैं तेरी शरणाई -2

तेरा ही दास बनाना चाहता हूँ तेरे नजदीक..............

 

 

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