Monday, December 28, 2020

42. तू साची सरकार है सुख का

 

भजन -42

 

तू साची सरकार है सुख का सागर सतगुरु मेरे तेरा ये दरबार है

 

1. बड़े भाग वाले ही प्राणी इस दरबार में आते है

तेरा सुंदर दर्शन पाके अपना भाग मनाते है

लिया तेरा आधार है उसका बेड़ा पार सुख का सागर..........

 

2. जन्म -2 का भुला भटका शरण तेरी मैं आया हूँ

ये न देखों कैसा हूँ मैं देखों न क्या लाया हूँ

दया तेरी दरकार है तू बक्शीश का भण्डार है सुख का सागर..........

 

3. तेरे प्यारे सतगुरु दाता जग के तारण हारे हो

दीन दुखी जीवों के भगवन तुम ही एक सहारे हो

पाया तेरा दीदार है दास जाए बलिहार है सुख का सागर..........

 

 

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