भजन-8
शरण अपनी ले लिया प्रभु मेहरबानी आपकी
हम इसके काबिल कहा है कदरदानी आपकी
1.
दिल
के सिंहासन पे केवल तू ही बस प्रभु तू रहे -2
रात दिन मैं देखूँ सतगुरु भोली सूरत आपकी शरण
अपनी...............
2. रिश्ते हैं झूठे इस जग के टूट जायेंगे जरुर -2
पर कभी न मिट सकेगी एक मोहब्बत आपकी शरण
अपनी...............
3. चुन के पत्थर को प्रभु ने हीरे मोती कर दिया -2
मन हुआ चंचल पड़ी जब नज़र पारस आपकी शरण
अपनी...............
4. तुम अगर न मिल सके तो जीने से क्या फायदा -2
दास मरता है तुम्हीं पे जू स्त जू है आपकी शरण
अपनी...............
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