Monday, December 28, 2020

14. दरबार गुरु का छूटे ना

 

भजन -14

 

दरबार गुरु का छूटे ना -2 विनती करूँ बार बार...

नाम का सुमिरण, ध्यान का सुमिरण, संतो का संग छूटे ना...

 

 1. ये गुलशन सदा महकता ही रहें, माली बनकें सेवा कमाएं -2

तेरी महफिल में वक्त ये बीते -2, तेरी बंदगी छूटे ना...

नाम का सुमिरण..........

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  2. चाहें लाखों तूफान क्यूँ ना आयें मगर, मन के भरमों को तू ही बचाए-2

मेरी कश्ती को तू ने संभाला -2, उपकार तेरा भूले न 

नाम का सुमिरण..........

 

  3. रूह चरणों में भागों से आए अगर, वो इन्सान का दर्जा पाएँ -2

खुश किस्मत इस किस्मत के -2, उपकार तेरा भूले न 

    नाम का सुमिरण............

 

  4. हर स्वांसों में तेरा ही नाम बसे, गुरु घर के ही कहलाएँ -2

 दासों की तेरे बिना ना -2, चौरासी छूटे ना 

 नाम का सुमिरण..........

 

 

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