भजन
-20
परमात्मा का नूर हो, मालिक की जात हो
स्वामी हो सेवको के, अनाथों के नाथ हो-2
1. चाहा था मेरे दिल ने, मालिक को देख लूँ
-2
नज़रे मिलाके नज़रो से जी भर के देख लूँ -2
दिल की पुकार का जवाब तुम ही दात हो परमात्मा............
2. तेरी दया हो जिस पे तो, फिर उसको गम है
क्या
सेवक को तेरे नाम का आधार कम है
क्या -2
सिमरन जहाँ करे कोई , तुम संग साथ हो परमात्मा............
3. आये हो जग को तारने, जिम्मा उठाके तुम -2
भव सिन्धु पार करने को नौका चलाके तुम -2
डूबे हुओं को थामतें, खुद आप आते
हो परमात्मा............
4. दुनिया की आस छोड़ के तेरी ही आस हो -2
तेरे ही प्रेम में मगन हर वक़्त दास
हो-2
ड़रना किसी से मुझको क्या जब तुम ही साथ
हो परमात्मा............
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