Monday, December 28, 2020

45. ये प्रेम सदा भरपूर रहे

                           भजन-45


ये प्रेम सदा भरपूर रहे गुरुदेव तुम्हारे चरणों में

ये अर्ज मेरी मंजूर रहे गुरुदेव तुम्हारे चरणों में

 

1.    संसार में देखा सार नहीं

तब श्री चरणों की शरण गही

भव बंध कटे यह विनती है गुरुदेव तुम्हारे चरणों में................

2.    आखोँ में तुम्हारा रूप रमे

मन ध्यान तुम्हारे मगन रहे

तन हर पल निज सेवा में रहे गुरुदेव तुम्हारे चरणों में................

3.    जो शब्द मेरे मुख से निकले

मेरे नाथ जिन्हें समझे पिघले

मेरे भाव सदा ऐसे ही रहे गुरुदेव तुम्हारे चरणों में................

4.    निज जीवन की डोर प्रभु

तुम्हे सौप दी पकड़ो इसको

उद्धार करो ये दास पड़े गुरुदेव तुम्हारे चरणों में................

 

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