Monday, December 28, 2020

26. मेरे सतगुरु तू पीरों का

 

भजन -26

 

मेरे सतगुरु तू पीरों का पीर है

 

जो भी आये तेरी शरण बनती बिगड़ी तक़दीर है

 

1. भूले भटके जीवो को सत् पथ पे चलाने आये हो -2

नाम जहाज बना कर भव से पार लगाने आये हो -2

नाम तेरा सब रोगों की अकसीर है जो भी आये..........

 

2. तेरे दर पे सतगुरु जी प्रेमा भक्ति का दान मिले -2

जन्म मरण का छूटे चक्कर मुक्ति का वरदान मिले -2

मोह माया की कट जाती जंजीर है जो भी आये..........

 

3. तेरी शरण में सतगुरु जी जो जीव भी आता है -2

हंसा बन के श्री वचनों के मोती चुग - चुग खाता है -2

तेरी संगत की अजब तासीर है जो भी आये तेरी .................

 

4. तू भंडार है रहमत का मैं तेरे दर का भिक्षुक हूँ -2

तेरी सेवा और भक्ति का प्रभु जी हर पल इच्छुक हूँ -2

दासन दास की तू सच्ची जागीर है जो भी आये तेरी....................

 

 

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