Monday, December 28, 2020

9. जहाँ संत समागम हरी

 

भजन -9

 

जहाँ संत समागम हरी कथा और आत्म शांति का डेरा

वो आनन्दपुर है मेरा-2

 

1. यहाँ लाखों की संख्या में आते श्री दर्शन के मतवाले -2

   यहाँ पावन तीर्थ सतगुरु दर्शन, पायें नसीबों वाले -2

   यहाँ जय-जय कार के नारों से गूंजे है साँझ सवेरे.......

 

2. यहाँ श्री समाधि पे प्रेमीजन श्रद्धा के फूल चढ़ाते -2

   यहाँ राजा रंक का भेद नहीं सब सेवक ही कहलाते -2

   तज के अभिमान जो शीश झुकावे तो पार हो उसका बेड़ा.....

 

3. यहाँ शांति भवन में जो प्रेमी श्री चरणों का ध्यान लगाये -2

   यहाँ कई जन्मों के चंचल मन भी सहज शांत हो जाये -2

   यहाँ सेवा सत्संग सुमिरण में ही बीते सांझ और सवेरा......

 

4. जो आनंदसर स्नान करे, श्री मंदिर ध्यान लगाये -2

   ध्यान ज्योति ह्रदय में प्रकटे और सहज मुक्ति हो जाये -2

   ज्योत से ज्योत समाए छूटे चौरासी का फेरा.........

 

5. छाया है जंगल में मंगल और लीला है अजब न्यारी -2

   पल पल शीतल सी पवन चले और महक रही फुलवारी -2

   दासां मनवा आनंद पावे जब श्री दर्शन हो तेरा........

    

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