Monday, December 28, 2020

21. तेरी महिमा अगम अपार है

 

भजन -21

 

तेरी महिमा अगम अपार है तेरी घर- घर जय- जय कार है

त्रिलोकी में सबसे सुंदर तेरा श्री दरबार है तेरा श्री दरबार है

 

1. त्रिलोकी के मालिक सतगुरु संत रूप धार आए है -2

    मोह माया की निंद्रा से सोये जीव जगाए है -2

    बहुत किया उपकार है लिया कलयुग मे अवतार है त्रिलोकी मे..........

 

2. श्रद्धा भाव से जो प्रेमी तेरे द्वार पे शीश झुकाता है -2

    चिंता मणि पावन भक्ति से झोली भर ले जाता है -2

    तेरा बहुत बड़ा भंडार है जाने ये सब संसार है त्रिलोकी मे..........

 

3. क्यूँ ना अपने भाग मनाएँ तुझसा स्वामी पाया है -2

    तेरी चरण शरण मे आकर सब दुख दर्द मिटाया है  -2

    मिला तेरा जो प्यार है दिल हो गया बाग बहार है त्रिलोकी मे..........

 

4. यही तमन्ना है बस स्वामी तेरे दास कहलाते रहे -2

    बन के गुरुमुख युग - युग तेरे द्वार सदा हम आते रहे -2

    यही हमारी पुकार है और न कुछ दरकार है त्रिलोकी मे..........

 

   

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