Monday, December 28, 2020

30. छाई चारों तरफ है बहार

 

भजन -30

 

छाई चारों तरफ है बहार, आनंदसर प्यारा लगें -2

बड़ा शीतल सुखद दीदार, गुरु का दर प्यारा लगें -2

 

1. गौरव गाथा हैं इसकी न्यारी -2

   इसपे बलिहारी त्रिलोकी सारी -2

  परमहंसों का है ये श्रृंगार -2, आनंदसर प्यारा लगें -2

 

2. शोभा सुषमा है इसकी न्यारी -2

   प्रभाव इसका है आनंदकारी -2

   बड़ी निर्मल सुगंधित धार -2, आनंदसर प्यारा लगें

 

3. सरमाया ये परमार्थ का -2

   हार बनाएँ परिकर्मां का -2

   गुरु भक्ति का ये है भंडार -2, आनंदसर प्यारा लगें

 

4. इसके तट पर वृक्ष लताएँ -2

   बैठे है मानो ध्यान लगाएँ -2

   मोती रत्नों की बरसें फुहार -2, आनंदसर प्यारा लगें

 

5. नाग देवता, सुर, नर, किन्नर -2

   तपी तपीश्वर, मुनि मुन्निश्वर -2

   सदा करते हैं जय जयकार -2 आनंदसर प्यारा लगें

 

6. बैकुंठों से समता इसकी -2

   माता जैसी है ममता इसकी -2

   इसकी महिमा हैं अपरमपार -2 आनंदसर प्यारा लगें -2

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