भजन -30
छाई चारों तरफ
है बहार,
आनंदसर प्यारा लगें -2
बड़ा शीतल सुखद
दीदार, गुरु का दर प्यारा लगें -2
1. गौरव गाथा हैं इसकी न्यारी -2
इसपे बलिहारी त्रिलोकी सारी -2
परमहंसों
का है ये श्रृंगार -2, आनंदसर प्यारा लगें -2
2. शोभा सुषमा है इसकी न्यारी -2
प्रभाव इसका है आनंदकारी -2
बड़ी
निर्मल सुगंधित धार -2, आनंदसर प्यारा लगें
3. सरमाया ये परमार्थ का -2
हार बनाएँ परिकर्मां का -2
गुरु भक्ति का ये है भंडार -2, आनंदसर प्यारा लगें
4. इसके तट पर वृक्ष लताएँ -2
बैठे है मानो ध्यान लगाएँ -2
मोती रत्नों की बरसें फुहार -2, आनंदसर प्यारा लगें
5. नाग देवता,
सुर, नर, किन्नर -2
तपी तपीश्वर, मुनि मुन्निश्वर -2
सदा करते हैं जय जयकार -2 आनंदसर
प्यारा लगें
6. बैकुंठों से समता इसकी -2
माता जैसी है ममता इसकी -2
इसकी महिमा हैं अपरमपार -2 आनंदसर प्यारा लगें -2
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