भजन -13
मेरी झोली भरो, नाम की ओ दाता मेरी झोली भरो -4
दुनियाँ से
नाता तोड़ा,
मैंने तुझसे नाता जोड़ा -2
मुझे प्यार
मिले अब थोड़ा, आया
बन सवाली
मेरी झोली भरो, नाम की ओ दाता मेरी झोली भरो
1. कोई नहीं जाता, खाली तेरे
दरबार से
आशा पूरी करते रहमों कर्म प्यार से
आप के रहते फिर मैं कैसे, गैर के दर क्यों जाऊँगा -2
खाली लौट गया तो मैं, दुनियां को क्या बतलाऊँगा -2
कुछ तो रहम करो मेरी झोली भरो.........
2. सारी उम्र गुज़री, तेरे ही स्थानों में
कर लों मेरी गिनती अपने दीवानों में
तू जिस हाल में मुझको राखें, जैसी तेरी मर्ज़ी हैं -2
तुझसे नाता बना रहें, बस दास की ये ही अर्ज़ी हैं -2
कुछ तो मेहर करो मेरी झोली................
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