भजन -29
बंदगी बिन पार
भव से जाएगा कैसे
बंदगी बिन
बंदा तू कहलाएगा कैसे
1. आया था भक्ति को तू क्या कर रहा
दो घड़ी
सत्संग से क्यों तू डर रहा -2
बंदगी बिन
तू ठिकाना पाएगा कैसे बंदगी बिन......
2. मन जो सतगुरु के हवाले ना किया
आंखो से
गर ज़ाम उल्फ़त ना पिया -2
प्यार फिर
सतगुरु का प्रेमी पाएगा कैसे बंदगी बिन......
3. शब्द तेरी जिंदगी का सार है
शब्द ही
परलोक का आधार है -2
शब्द बिन
परलोक में इज्ज़त पायेगा कैसे बंदगी बिन......
4. आँख मुख और कान तीनों बंद कर
सुरति
अपनी शब्द के पाबंद कर -2
पीरों
मुरशद बिन मगर, तर पाएगा कैसे बंदगी बिन......
5. धूलि चरणों की चढ़े जो शीश पर
ध्यान लग
जाएँ अगर जगदीश पर -2
फिर भला
बंधन में दासां आएगा कैसे बंदगी बिन......
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