भजन -33
दिया मेरी
मंज़िल को तूने ईशारा -2
उम्र भर ना
भूलूँगा एहसान तुम्हारा -2 दिया मेरी मंज़िल....
1. रूहानी मस्ती तेरे गीत में है, के नूरानी मस्ती तेरी प्रीत में है
-2
भरोसा है
मुझको तो -2 है बस तुम्हारा दिया मेरी..........
2. ये निश्चय हुआ तुझसे, सत्य ज्ञान पाकर -2
गुरु रूप
बैठे हैं भगवान आकार -2
मिलेगा
तो तुमसे ही -2 भव का किनारा दिया मेरी..........
3. भले दिल में आता है, जज़्बा गुरु का -2
खुदा से
भी ऊँचा है रुतबा गुरु का -2
बख्शों
शब्द जो है -2 मुक्ति का द्वारा दिया मेरी..........
4. कृपा करके सुरति, गगन में चढ़ा दो -2
सुना दो
सुना दो अनहद् सुना दो -2
बहता सा
दिल में-2 अमर रस तुम्हारा दिया मेरी..........
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