भजन-47
कर लो कबुल सतगुरु, दिल की है ये दुआए
फरियाद है हमारी दो हुक्म तो
सुनाये
1.
दुशवार घाटियाँ है, मेरा हाथ थाम
लेना
मंजिल से
पहले पहले कही दम निकल ना जाए
कर लो कबूल.............
2.
तेरे दर बरस रही है बरसात रहमतो की
जो हवा
इधर को आये तेरे दर से होक आये
कर लो कबूल...........
3.
आयों ह्रदय के मालिक ह्रदय में आ
विराजों
कबसे खड़े
है दर पे, नज़रों को हम बिछाए
कर लो कबूल..........
4.
चरणों में तेरे सतगुरु बस आरजू
यहीं है
तेरा नाम
जपते -२ मेरी उम्र बीत जाए
कर लो कबूल..........
5.
तेरा जिक्र कर रहे है, रवि चाँद
सितारे
है दास
में क्या ताकत, तुझको जो कुछ सुनाये
कर लो कबूल..........
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