भजन
-35
जिस घड़ी
सतगुरु जी तेरा जिस घड़ी सतगुरु जी तेरा
दीदार
प्यारा पा लिया-2 मैने इस दुनिया में जन्नत का नज़ारा पा लिया-2
जिस घड़ी सतगुरु जी तेरा
1. गम का
मारा दिल हमारा, रात दिन बेयख्तिया-2
इक झलक पाने को तेरी, हामिहायत
बेकरार
तुझको पाकर गम के तूफान, से
किनारा पा लिया जिस घड़ी..........
2. मिल गई
राहत, दो आलम की पनाहो में तेरी-2
क्या कहूँ जादू भरी, मीठी
निगाहों में तेरी
जानो दिल कुर्बान करने-2, का
ईशारा पा लिया
मैने इस दुनिया में जन्नत, का
नज़ारा पा लिया जिस घड़ी..........
3. तेरे
कदमो में बिछी, रहती है जन्नत देख ली-2
मुस्कुराती
हमने अपनी, आज किस्मत देख ली
जिसने किस्मत को संवारा-2, वो
सितारा पा लिया
मैने इस दुनिया में जन्नत, का
नज़ारा पा लिया जिस घड़ी.............
4. ये हवा
ये रुत ये लम्हे, ये बहारे जिन्दगी-2
ये मोहब्बत की फिजाए, मै
ना भूलूंगा कभी
दास हर गम को भुलाने-2, का
सहारा पा लिया
मैने इस दुनिया में जन्नत, का
नज़ारा पा लिया जिस घड़ी...........
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