Monday, December 28, 2020

43. आओ सतगुरु मन मंदिर में

 

भजन-43

आओ सतगुरु मन मंदिर में अपना अनुपम प्यार लिए खड़े है

सेवक दर पर तुम्हारे ह्रदय पे उपहार लिए

 

1.    जनम जनम के मीत हमारे दिन बंधू सुख राशि

तीनो ताप मिटा दो सतगुरु काटो यम की फांसी

माया भटकाती मन मेरा भोगो का संसार लिए आओ.....

 

2.     जैसे जल बिन मीन आत्मा प्रभु दर्शन की प्यासी

जनम जनम की प्यास भुजा दो इष्ट देव अविनाशी

भंवर में नैया नित उत डोले आ जाओ पतवार लिए आओ...

 

3.     परमार्थ के कारण प्रभु तुम संत रूप धर आते

सत वस्तु का ज्ञान करा कर अंतर ज्योति जगाते

बरसो बन कर मेघ ह्रदय पर भक्ति का भंडार लिए आओ...

 

4.     तुमसे ये मन हंस बना है चुग चुग मोती खाता

तुमसे जीवन शांत हुआ है मेरे भाग विधाता

शीश झुका कर दास निहारे नैना अश्रु धार लिए आओ...

 

 

 

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