भजन-48
मेरे सतगुरु कृपा निधान दर्शन तेरा पाए
श्री चरणों में यही विनय भक्ति का वर छाये
1.
मांगू मैं तुमसे भक्ति
और ना कुछ भी मांगू
नैनों में हर दम बसों, तुम से ये वर
मैं चाहूँ
चाहत तेरी हमेशा दिल में मेरे बस जाए मेरे सतगुरु.............
2.
ठुकरा दूँ दो जहा को एक
तेरे प्यार बदले
बदले चाहे ज़माना तेरा ना प्यार बदले
चरणों में तेरे सब
सुख दुनियां के मैंने पाए मेरे सतगुरु.............
3.
देखा ना सारे जग में
तुमसा बड़ा दयालु
देखे ना कोई अवगुण आया जी श्रद्धालु
डाले जो नजर मेहर की उसकों भी नाम जपाये मेरे
सतगुरु.............
4.
आया मैं दर पे तेरे बन
करके एक संवाली
कोई गया ना अब तक लेकर के झोली खाली
इस दास की भी सुन लो खड़ा दर पे अर्ज गुजारे मेरे
सतगुरु.............
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