भजन
-37
मेरे सतगुरु जी प्यारे मेरे दिल के सहारे
यही है राम मेरे यही है शाम मेरे
1. तेरी शौरत बड़ी तेरी उल्फत बड़ी
अपने प्यारों को देते है मस्ती बड़ी
प्रभु की रहमत भारी झलक जग से है न्यारी यही है
राम............
2. आओ दर्शन करो अपनी झोली भरो
इनसे नाता बना के न जग से डरो
लाखो पार उतारे लाखों के सहारे यही है
राम............
3. इनकी नजरों में कोई बड़ा छोटा नहीं
बनके आया सवाली खाली लोटा नहीं
आज दामन फैला लो इन्हें अपना बना लो यही है
राम............
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