Saturday, December 19, 2020

5. मेरे मोहन तेरा मुस्कराना

 

भजन -5

 

मेरे मोहन तेरा मुस्कराना  भूल जाने के काबिल नहीं है

जिसको मिल गया आनंदपुर वाला उसको दुनियां की परवाह नहीं

 

1. ख़त लिखकर के तुमको बुलाया, आप कार पे बैठ कर आए

जो ख़ुशी मेरे दिल को मिली है, वो बताने के काबिल नहीं है मेरे.......

 

2. जब से देखा है जलवा तेरा, कोई मन को भी भाता नहीं है

वैसे देखे है लाखों ही जग में, तेरे जैसा कोई जग में नहीं है.,..........

 

3. अभी आए अभी चल दिए हो, मेरे दाता जी मुझको बताओ

मेरे आखियाँ है अब तक प्यासी, अभी जी भर के देखा नहीं है.........

 

4. मैंने पूछा के फिर कब मिलोगे, मेरे दाता जी मुझको बताओ

पहले मुस्कराए फिर बोले, हम तो दिल में समाये हुए है,

मिलने की जरुरत नहीं है मेरे मोहन...................

 

 

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