भजन-
22
लैके प्यार आये सी, सानू प्यार दे गए
साडी जिन्दगी नू सोना किरदार दे गए
1. मेरे भारी सी गुनाह, ओहना हस -2 टाले
मेरे जए गुनहगार, ओनहा ढ़िग नू संभाले
ऐ वी दसदे रहे, किवे जिन्दगी नू जिओणा
साडी जिन्दगी नू सोना श्रृंगार दे गए लैके.......
2. सच्ची बड़ा याद ओंदा, ‘अच्छा’ कह के मुस्कोणा
सानू रोंदया होया नू ओहणा ‘गल नाल’ लोअणा
सातो भूल के कदे ओहो जाने नहीं भुलाए
सानू रज के जो प्यार दिलदार दे गए लैके......
3. मन पाया ना मैं गल ओहणा बड़ा समझाया
मन मर्जी मैं किती, ओना ता वी ‘गल लाया’
खुद हार दे रहे मेरी हर मंग अगे
हुण मैं हर गल मन्ना ऐ विचार दे गए लैके.....
4. तौबा कर लवा हुण मैं सारे ही गुनाह तो
हर भाव शुद्ध होवे, बचा माड़े रावां तो
नूर कदर कर पाइए, अस्सी रल मिल सारे
रूप अपना जो मुड़ साकार दे गए लैके.............
****