भजन
-12
हारां वाले की देख छटा मेरो मन है गया लट्टा
पट्टा
1. जब मैं दर्शन हाल में पहुँचा -2
ऐसा नजारां कहीं ना देखा -2
जब
सिंहासन का पर्दा हटा मेरो मन...........
2. जब मेरे सतगुरु कार पे आये -2
संगतों ने
जयकारे लगाये -2
फिर
सतगुरु ने गुरुमुखों कहा मेरो मन...........
3. जब मेरे सतगुरु लीला है करते -2
भक्ति से सबकी झोलियाँ है भरते -2
सबपे
देते है रहमत बरसा मेरो मन...........
4. ऐसा रूप कही ना पाया -2
मेरे मन को तो तू ही है भाया -2
सिर
पे सोना रूमाला सजा मेरो मन...........
5. चिट्टा चोला अंग बिराजे -2
गल फूलों की माला साजे -2
सिर पे सोना रूमाल सजा मेरो मन...........
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