भजन -46
दिल में ना जाने सतगुरु क्या
रंग भर दिया है
छोड़ेंगे
अब ना दर तेरा इकरार कर लिया है
1. जिस
दिन से पी लिया है तेरे नाम का यह प्याला,
मुझको खबर नहीं है, मेरा दिल किधर गया है
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा...
2. तूने
हाथ जिसका थामा, बंदा बना प्रभु का,
हुई नज़र जिस पे तेरी, समझो वो तर गया है
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा...
3. महफ़िल वही है जिसमे चर्चा है
तुम्हारी
अपना वही है जिसने तेरा जिक्र किया है दिल
में.........
4. तेरी चरण धूलि
जब से मस्तक को छू गयी है,
मेरी तकदीर बदल गयी है, जीवन संवर गया है
छोड़ेंगे अब ना दर तेरा...
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