भजन
-16
श्री आनंदपुर का है जलवा निराला, रहता यहाँ पे हरदम उजाला -2
कुदरत खड़ी है मस्तक झुकाकर, फूल देवी देवता
भी बरसाते आकर
पूरी सृष्टि में है इसका बोल बाला, रहता यहाँ पे हरदम उजाला -2
1. श्री दर्शनों का नशा ही अलग है -2
रोम-रोम खिल जाये मिलती जब झलक है -2
जयकारे है लगते लेते जब दोशाला -2 रहता वहाँ
पे........
2. हर इक ज़ुबान पे यही बात होती -2
प्रभु नाम की महिमा दिन रात होती -2
कलयुग में आया भक्तों का रखवाला -2 रहता वहाँ पे........
3. लगता यहाँ पे जन्नत में आए -2
दर्शन खुले जब प्रभु मुस्कराए -2
तकदीर वाला खुलता है ताला -2 रहता वहाँ पे........
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