भजन
-6
तेरी रहमत का जिसे सतगुरु सहारा मिल गया
उसको भव सागर का सचमुच ही किनारा मिल गया
1.
फिर
उसे दर-2 भटकने कि कहा आदत रही -2
प्यार जिसको मेरे सतगुरु जी तुम्हारा मिल गया तेरी
रहमत.............
2. दायमी राहत मिली मेरे दिले लाशार को -2
प्यार जिसको मेरे सतगुरु जी तुम्हारा मिल गया तेरी
रहमत.............
3. दो जहाँ की दौलते उसकी नजर में ख़ाक है -2
जिसको तेरे नूरी जलवे का नजारां मिल गया तेरी
रहमत.............
4. तेरे कदमों में ठिकाना मिल गया जब दास को -2
अपनी
किस्मत का मुझे रोशन सितारा मिल गया तेरी रहमत.............
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