भजन -7
मन में बसे हरि आन छवि सतगुरु तेरी प्यारी
आठों पहर रहे ध्यान हमेंशा याद तुम्हारी
1.
चरणों
का प्यार पाके प्रभु मैं निहाल हुआ -2
भक्ति का धन पाया जीव माला माल होया -2
आठों पहर रहे ध्यान हमेंशा याद तुम्हारी मन
में...................
2. चरणों का चाकर तेरा दासन दास है -2
तुझ बिन न सतगुर ओरों की आस है -2
तुम ही मेरे भगवान तुम्हीं मेरे कृष्ण मुरारी है मन
में...................
3. स्वामी हो सेवको के नाथों के नाथ हो -2
समरथ सतगुरु जी हर पल साथ हो -2
सुमिर –सुमिर तेरा नाम मिटे दुःख संकट भारी मन
में...................
4. सूरत हमेंशा तेरे चरणों में लीन रहे -2
प्रेम तेरे में सदा, मेरा मन लीन रहे-2
जीभा करे गुणगान नयन दर्शन के भिखारी मन
में...................
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