भजन-28
जय -2 गुरु की बुलाते चलो सतगुरु की महिमा
को गाते चलो
स्वामी हमारे पूरे सतगुरु ह्रदय में उनको
बिठाते चलो
1. सतगुरु हमारे परम स्नेही और ना कोई प्यारा
जुग -2 में अपने भक्तों का सतगुरु है रखवारा
सतगुरु से नेह बढ़ाते चलो सतगुरु........
2. नाता हमारा है सतगुरु से आदि जुगादी पुराना
परम पुरुष परमातम सतगुरु अंत किसी ने ना जाना
उनका ही ध्यान लगाते चलो सतगुरु की................
3. प्रेमी सेवक के मन में ही है सतगुरु का डेरा
सेवक के मन की मैल को धोवे पूरण सतगुरु मेरा
चरणों का तीर्थ नहाते चलो सतगुरु
की................
4. शिष्य गुरु की आज्ञा धारे मन में गुरु को बसाये
और सभी से छोड़ के दासा, गुरु से प्रीत लगाई
प्रेम की गंगा बहाते चलो सतगुरु की................
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