Friday, December 25, 2020

33. दर्शन कर -2 जी

 

भजन -33

दर्शन कर -2 जी नहीं भरता किस विधि प्यास बुझाऊँ मैं

तेरे नूर नूरानी मुख से नजर हटाऊँ मैं

 

1. जी करदा है बैठ सामने यूँ ही दर्शन पाता रहूँ

तेरी महिमा तेरी उपमा सतगुरु यूँ ही गाता रहूँ

वक्त नहीं है मेरे बस में सतगुरु वक्त रुका दो आज

जी भर के मैं दर्शन पाऊं सतगुरु प्यास बुझा दो आज दर्शन कर-2......

 

2. जो -2 दर्शन करते आपका, प्यास ये बढ़ती जाती है

दर्शन रस की आशा तृष्णा सतगुरु मिट नहीं पाती है

आन बसों तुम इन अखियों में, मन में वास करों दिल में

जन्मों से बिछड़ा प्रेमी आया आज तुम्हे मिलने दर्शन कर-2......

 

3. जाने कैसी कशिश है तुझमे, जाने कैसा नूर भरा

एक झलक पाते ही तेरे दिल मेरा हो गया तेरा

जाने कितने जन्म का स्वामी आप से मेरा नाता है

जिस कारण ये मन चित्त मेरा आपका दर्शन चाहता है दर्शन कर-2......

 

4. दासन दास की अर्ज यहीं श्री चरणों में मंजूर हो

हर पल दर्शन आपका पाऊं पास रहूँ या दूर हो

रोम -2 में मेरे सेवा पूजा भक्ति भजन भर दो

रोग सताये ना व्यापे माया सतगुरु मुझको ये वर दो दर्शन कर-2......

 

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