भजन
-37
मेरी अखियों के तारे मेरे दिल के सहारे
दीजों प्यार अपना
1. लागी जन्मों की आस पूरी हो गई मेरी प्यास मैं दीदार
पा लिया
मुरझाया मेरा मन खिल गया है चमन सन्मुख आ गया -2
तेरे द्वारे उत्त आया आके दामन बिछाया दीजों
प्यार...........
2. तेरे दर्शन की झलक ने झुकाई है खलक तेरी महिमा अपार
देख ऋषि मुनि जन, सब हुए प्रसन्न रहे तन मन वार
-2
मेरी जागी तकदीर देख तेरी तस्वीर दीजों प्यार
अपना...........
3. तेरा जलवा है अनोखा काटे माया वाला धोखा है जगत
सपना
मेरी इसमें है जीत दीजों चरणों की प्रीत तू है
मीत अपना -2
मेरे शहनशाह हजूर माँगा प्रेम दा सरुर दीजों
प्यार.............
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