भजन-26
इस रूहानी
दरबार की मैं शान के सदके
जो जिसने इसे बनाया उस भगवान के सदके
1. परमहंसो की नगरी है यहाँ पर गुरुमुख रहते है
के जब आपस में मिलते है तो गुरु की महिमा गाते है
रूहानी शंहशाह मेरे -2 तेरी इस शान के सदके इस
रूहानी.........
2. बनाया आनंदसर तीर्थ जिसमे पाप धुलते है
तेरे इक नाम के प्रताप से, लाखों पापी तरते है
यहाँ मन शांत होता है -2 तेरे सुख धाम के सदके इस
रूहानी......
3. रूह कल्याण की खातिर बनाया गुरु तूने ये दरबार
तेरी इस महिमा को गुरु देव जाने ए सारा संसार
रूहानी शंहशाह मेरे -2 तेरे एहसान के सदके इस
रूहानी.........
4. मुझे भी नाम दो ऐसा जिसे हर गुरुमुख जपता है
दासन दास भी तुझ से यही वरदान चाहता है
तेरे भरे भंडारे है -2 तेरे भण्डार के सदके इस
रूहानी.........
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