भजन – 60
मेरे दिल में हमेशा ही, तेरा ही नाम हो सतगुरु
श्री चरणों में निभ जाए, यही वरदान दो सतगुरु
1. बने
जब तुम मेरे रहबर तो क्यूँ भटकू मैं मार्ग से -2
तेरी
रहमत से हर मुश्किल मेरी आसन हो सतगुरु
मेरे
दिल में हमेशा.............
2. तेरा
आसन बनाने को करूँ मैं साफ़ मन मंदिर-2
जाऊं
तुझपे मैं बलिहारी, के भक्तों की आन हो सतगुरु -2
मेरे
दिल में हमेशा.............
3. मेरा
जो कुछ सो तेरा है करूँ मैं भेंट मैं मालिक -2
तेरी
वस्तु तेरे अर्पण मेरा कल्याण हो सतगुरु
मेरे
दिल में हमेशा.............
4. यहीं
रहमत हो मुझ पर मैं चलूँ श्री मौज आज्ञा में -2
तुम्हारा
दास बनने का हमेशा मान हो सतगुरु
मेरे
दिल में हमेशा.............
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