Wednesday, December 30, 2020

38. सदियों से जिसकी आस

 

भजन -38

 

सदियों से जिसकी आस थी, वह संत आ गया

जब आया मेरा सतगुरु तो बसंत आ गया

 

1. फैली है कायनात में रूहानी रोशनी

पापों की काली रात का लो अंत आ गया जो आया मेरा............

 

2. भक्ति के फूल खिल उठे दोनों जहान में

और झोका सच्चे नाम का अन्नत आ गया जब आया............

 

3. पूरी हुई है दास की हर दिल की आरजू

प्यासे थे जिसके लिए नयन वह संत...............

 

 

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