भजन -38
सदियों
से जिसकी आस थी, वह संत आ गया
जब
आया मेरा सतगुरु तो बसंत आ गया
1. फैली है कायनात में रूहानी रोशनी
पापों की काली रात का लो अंत आ गया जो आया
मेरा............
2. भक्ति के फूल खिल उठे दोनों जहान में
और झोका सच्चे नाम का अन्नत आ गया जब
आया............
3. पूरी हुई है दास की हर दिल की आरजू
प्यासे थे जिसके लिए नयन वह संत...............
*****