भजन-69
आया राज तिलक त्यौहार सबको
होवे मुबारक बाद
पंचम रूप में विराजे मेरे
श्री गुरु महाराज
1. चारो दिशाए महक रही है दर्शन पाके संगत झूम रही है
तेरी वाणी
में है प्यार तेरी प्यारी है मुस्कान
मेरे सतगुरु
ने की है आज रहमत की बरसात आया..........
2. कैसा समां ये प्यारा दिव्य नजारा महिमा गाये प्रेमी बोले जयकारा
तेरा दर्शन
है कमाल प्रेमी जाए बल बलहार
ऐसी रोनक है
छाई श्री आनंदपुर दरबार..........
3. दासन दास के भाग्य जगे है ऐसे गुरुवर हमकों मिले है
जिनकी लीला
अपरमपार किया भव से बेड़ा पार
हुई दिवानी
ये दुनिया पाके सोना ये दीदार
*****