Tuesday, December 15, 2020

64. कहीं देख दुखिया दुखी तेरा मन है,

 

भजन-64

 

कहीं देख दुखिया दुखी तेरा मन है

यही तो भजन है2

 

1.   कोई गिर गया है, मैं कैसे उठाऊं

उठाने से पहले स्वयं गिर न जाऊं

वो रोता है यदि तेरे मन में रुदन है

यही तो भजन है -2

 

2.   जरूरी नहीं है तुम्हे ताक न थी। 

न बातें करो तुम कभी अर्चना की।

दया है तो तन यह भजन का भवन है। 

यही तो भजन है-2

 

3.   कहीं एक अंधे को रस्ता दिखाया। 

अतिथि को बैठाकर के पानी पिलाया।

वो है सन्त राही का सत सत नमन है। 

यही तो भजन है-2

 

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