Tuesday, December 15, 2020

35. तन तर न सकेगा मूरख प्राणी

 

भजन-35

 

तन तर न सकेगा मूरख प्राणी राम के बिना

सुख पा ना सकेगा जीवन भर सुख धाम के बिना

 

1.  बिन पानी के नाँव चले न, नदी बिन दीप जले

नारी सुहागन नहीं लगे, जब तक ना माँग भरे

नीलकंठ कोई हो ना सका है, विषपान के बिना तन तर........

 

2.  चन्दन बिना ललाट शोभे, योगी ज्ञान बिना

जो धनवान ना शोभित होता, है न दान बिना

तीर्थ तप बेकार सभी है हरिनाम के नाम तन तर........

 

 

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