भजन-8
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं,
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं।
1. मेरे नयनों के तारे
हैं,
सारे जग के रखवाले हैं,
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं.......
एक भरोसो, एक बल, एक आस, विश्वास।
स्वाति-सलिल रघुनाथ-जस, चातक तुलसीदास ||
2. जो लाखो पापियों को
तारे हैं,
जो अधमन को उद्धारे हैं,
हम उनकी शरण पधारे हैं,
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं.......
3. शरणागत आर्त निवारे
हैं,
हम इनके सदा सहारे हैं,
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं.......
4. गणिका और गिद्ध
उद्धारे हैं,
हम खड़े उन्ही के के द्वारे हैं,
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं.......
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