Thursday, December 17, 2020

25. नैनन में श्याम समाए गयो

 

भजन -25

 

नैनन में श्याम समाए गयो,
मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो ।

1. लूट जाऊँगी श्याम तेरी लटकन पे,
   बिक जाउँगी लाल तेरी मटकन पे ।
   मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो ॥

2. मर जाउंगी कान्हा तेरी अधरन पे,
   मिट जाउँगी तेरे नैनन पे ।
   वो तो तिरछी नज़र चलाए गयो,
   मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो ॥

3. बलिहारी श्याम तेरी अलकन पे,
   तेरी बेसर की मोती छलकन पे ।
   सपने में दर्श दिखाए गयों,
   मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो ॥

4. पागल को प्यारों वो नंदलाला,
   दीवाना भाए है जाके सब ग्वाला ।
   वो तो मधुर मधुर मुस्काये गयो,
   मोहे प्रेम का रोग लगाए गयो ॥

 

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