भजन-18
तेरी
गलियों का हूँ आशिक़,
तू एक नगीना है,
तेरी नज़रों से ये मुझे जाम पीना है,
तेरी गलियों का हूँ आशिक़, तू एक नगीना है,
1. तेरे बिना
एक पल मैं,
जी नहीं सकता,
ये जुदाई ये दरद को मैं, पी नहीं सकता,
तेरी गलियों मे साँवरे, मरना जीना है तेरी
गलियों…………..
2. मेरे हमदम
मेरे साथी,
मेरे साथी हमदम,
तेरी ख़ुशी मेरी ख़ुशी, तेरा गम मेरा गम,
तूँ लहू है तू जान है, तूँ ही पसीना है तेरी
गलियों…………..
3. तेरे सिवा
कोई दूसरा नहीं मेरा,
छोड़ू नहीं कसके पकड़ा ये दामन तेरा,
तूही मक्का तूही काबा तूही मदीना है तेरी गलियों…………..
4. चाहे दोजख
चाहे जन्नत में, पहुँचा दे मुझको,
या डूबा दे, चाहे पार लगा दे मुझको
तू ही दरियाँ तू ही साहिल, तूही सफ़ीना है तेरी
गलियों…………..
5.
दिया है दर्द जो तुमने, तुम्हीं दवा देना,
कहीं ना कहीं कभी ना कभी, तेरा दर्शन होगा,
तेरी गलियों में सांवरे, मरना जीना है तेरी
गलियों…………..
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