भजन-33
बनवारी
रे, जीने का सहारा तेरा नाम रे,
मुझे दुनिया
वालों से क्या काम रे,
1. झूठी दुनिया झूठे बंधन, झूठी है ये माया,
झूठा साँस का आना जाना, झूठी है ये काया,
ओ, यहाँ साँचा तेरा नाम रे बनवारी रे...........
2. रंग में तेरे
रंग गये गिरिधर, छोड़ दिया जग सारा,
बन गये तेरे प्रेम के जोगी, ले के मन एकतारा,
ओ, मुझे प्यारा तेरा धाम रे बनवारी रे...........
3. दर्शन तेरा
जिस दिन पाऊँ, हर चिन्ता मिट जाये,
जीवन मेरा इन चरणों में, आस की ज्योत जगाये,
ओ, मेरी बाँहें पकड़ लो श्याम रे बनवारी रे...........
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