भजन-20
तृष्णा न जाए मन से कृष्णा न आये मन
में
जतन करूँ मैं हजार, कैसे लगेगी नईया पार मेरे शाम
जी
1. एक
पल माया साथ न छोड़े, जिधर -2 चाहे मुझे मोड़े
हरि
भक्ति से हरि पूजन मेरा रिश्ता नाता तोड़े
माया
न जाए मने से भक्ति न आये मन में
जीवन
ना जाए बेकार कैसे लगेगी नईया...........
2. श्रमा
करों मेरे गिरिवर धारी, चंचलता मन की लाचारी
लगन
जगा दो मन में स्वामी तुम हो प्रभु जी अंतर यामी
मन
न बने अनुरागी भावना बने न त्यागी
दया
करो करतार कैसे लगेगी नईया...........
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