भजन
-1
जे तू बेलिया तन मन दे नाल सेवा करदा जाएगा
सतनाम वाहेगुरु करदा भवसागर तो तरदा जाएगा
सतनाम वाहेगुरु, सतनाम वाहेगुरु............
1. सेवा है स्वर्गा दी पौड़ी कर सेवा लाख वार
बिना गुरु दी सेवा कीते, नहीं मिलदा करतार
जे
बाबे दे हुक्मानुसार, सिर मत्थे धरदा जाएगा सतनाम वाहेगुरु..........
2. वेला बैठे फेर न ऐवे तू माला दे मनके
गुरां दी महिमा तकनी है ते तक लय चाकर बनके
जे
तू हाणिया गुरु चरणां ते शीश नू धरदा जावेगा सतनाम वाहेगुरु......
3. साला दे पीछो मिलिया है सेवा दा ऐ वेला
रब जाने फिर कद लगना है संगता दा ऐ मेला
जे झोली विच सेवा वाला मेवा भरदा जावेगा सतनाम
वाहेगुरु............
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