भजन
-12
हर हाल में दाता का जो शुक्र मनाते है
उनके अंग- संग सतगुरु, रहमत बरसाते है
1. है याद जिन्हें दाता, हर दात मिले उनको
बिन मांगे खुशियों की, सौगात मिले उनको
सुख
पाकर भी सुख में, वे नहीं मन भरमाते है हर हाल.......
2. ज्यादा में शुक्र कीजे, थोड़े में सब्र कीजे
फिर उनकी रहमत को दामन में भर लीजे
ये
शिक्षा जो माने वो ही सुख पाते है हर हाल में.........
3. हर सुख देने वाले दातार को न भूले
मैं मेरी में फंस कर, प्रभु के उपकार नहीं भूले
आदर्श
जो सतगुरु के इस दिल में बसाते है हर हाल में..........
4. दया दृष्टी गुरु की अपार, वो होती है निराकार
सतगुरु भक्तों की झोली में भरते सच्चा प्यार
गुरु वचनों को जो माने, कुछ बन ही जाते है हर हाल
में........
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