भजन-30
आज अर्शा से आये शहंशाह
खुशियाँ दा चन चढेया
तेरे रूप ते हो गए फ़िदा के खुशियाँ दा चन चढेया
1.
नजरों में इनकी है नूर
बरसता
प्यार तुम्हारे को दिल है तरसता
मेरा सबसे निराला
खुदा के खुशियाँ दा चन............
2.
सच्चे व्यापारी से सौदा
किया है
दिल है तुम्हारा तुम्ही को दिया
सारे भक्तों को मस्त बना के खुशियाँ दा चन............
3.
मेहरों की बरसे आज बदरिया
सच्चे दिल वालों ने भर ली गगरिया
आज सबको निहाल किया के खुशियाँ दा चन............
4.
दासी ने आज दाता तुमको
ये कहना
मेरे बने हो मेरे ही रहना
कभी होना न मुझसे जुदा के खुशियाँ
दा चन............
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