भजन -6
गुरु वचनों को रखना संभाल के एक-एक वचन में
गहरा राज है
जिसने जानी है महिमा गुरु की उसका डूबा कभी
न जहाज है
1. दीप जले और अँधेरा मिटे न ऐसा कभी नहीं हो सकता -2
ज्ञान सुने और विवेक न जागे ऐसा कभी नहीं हो सकता
-2
उसकी रोशनी से रोशन जहाँ है वो फरिश्ता बड़ा ही महान
है जिसने.....
2. बीज पड़े और अंकुर न फूटे ऐसा कभी नहीं हो सकता -2
कर्म करे और फल न भोगे ऐसा कभी नहीं हो सकता -2
कर्म करने को तू होशियार है फल भोगने में बड़ा ही
लाचार है जिसने...
3. ठोकर लगे सतगुरु न संभाले ऐसा कभी नहीं हो सकता -2
जब हम पुकारें और वो न आये ऐसा कभी नहीं हो सकता -2
उसके हाथों में सौप दे हाथ तू वो तो पल-पल तेरे साथ
है जिसने.....
4. गुरु परिपूर्ण समर्पित तू हो जा धोखा कभी नहीं खा
सकता -2
लक्ष्मण रेखा सत्संग की हो तो रावण कभी नहीं आ सकता
-2
अब तो पल –पल होता आभास है हारां वाला सदा ही मेरे
साथ है जिसने....
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