भजन -10
श्रद्धा के फूल लेके सतगुरु जी दर तेरे
मैं दौड़ आया, मैं सारा जग छोड़ आया
1. तेरी
एक झलक जिसने पाई, वो तेरा दीवाना हो गया
कब
दर्शन पाऊं तेरे मैं, बस तेरी लगन में खो गया
तेरे
दर्शन के मैं सपने, संग लेके मैं अपने हाँ दौड़ आया मैं सारा.......
2. मिलने
का बहाना बना लिया, दिल में तेरी याद समाई थी
मेरे
सतगुरु दिन दयाल जी, तेरे मिलने की रतन लगाई थी
बस
पाने तेरे दर्शन, मोह माया के झूठे बंधन सब छोड़ आया मैं.....
3. जब
पहुँचा श्री दरबार में, तेरा सुंदर दर्शन पा लिया
तूने
एक नजर मुझको देखा , बस मेरा दिल चुरा लिया
मैं
सेवक तू स्वामी, तुझसे ये एक रिश्ता मैं जोड़ आया मैं..........
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